Re Kabira 0061 - हिसाब-किताब नहीं होना चाहिए

--o Re Kabira 061 o--



 
हिसाब-किताब नहीं होना चाहिए

यादें होनी चाहिए, बातें होनी चाहिए,
बातों में कुछ राज़ छुपे होना चाहिए,
कुछ किस्से होना चाहिए,
कुछ कहानियाँ होनी चाहिए,

दोस्तों में बस झूठ नहीं होना चाहिए

छेड़कानी होनी चाहिए, बदतमीज़ी होनी चाहिए,
बदतमीज़ी में कुछ हँसी मज़ाक होना चाहिए,
कुछ इशारे होना चाहिए, 
कुछ बातें इशारों में होना चाहिए,

दोस्तों में बस फ़रेब नहीं होना चाहिए

मिलने का बहाना होना चाहिए, मुलाकातों की ललक होनी चाहिए 
रोज़ महफ़िल में पीना-पिलाना होना चाहिए,
कुछ हँसना चाहिए, 
कुछ रोना चाहिए,

दोस्तों में बस इस्तेमाल नहीं होना चाहिए

झगडे होना चाहिए, लड़ाई होनी चाहिए,
हाथापाई में ग़लतफ़हमी दूर होनी चाहिए,
कुछ नोक-झोंक होना चाहिए,
कुछ गाली-गलोच होना चाहिए,

दोस्तों में बस इल्ज़ाम नहीं होना चाहिए

ख़्वाब होना चाहिए, खाव्हिशें होनी चाहिए,
ख़्वाबों में खाव्हिशें होनी चाहिए,
कुछ सपने होना चाहिए,
कुछ हक़ीक़त होनी चाहिए,

दोस्तों में बस हिसाब-किताब नहीं होना चाहिए


आशुतोष झुड़ेले
Ashutosh Jhureley

--o Re Kabira 061 o--

Most Loved >>>

क्यों न? - Why Not? - Re Kabira 102

Re Kabira - सर्वे भवन्तु सुखिनः (Sarve Bhavantu Sukhinah)

Re Kabira 050 - मैंने बहुत से दोस्त इकट्ठे किए हैं

लिखते रहो Keep Writing - Re Kabira 101

एक बूँद की औकात - Re Kabira 094

मिलना ज़रूरी है - Re Kabira 092

शौक़ नहीं दोस्तों - Re Kabira 095

तमाशा बन गया - Re Kabira 089

Re kabira 085 - चुरा ले गए

बुलन्द दरवाज़ा - Re Kabira 100