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कहाँ है पवन? - Re Kabira 099

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  -- o Re Kabira 099 o-- कहाँ है पवन? दिन दिन गिन रहे हम ३० दिन, १ महीना हो गया घर परिवार को खबर नहीं दोस्तों को ज़रा अंदाज़ा नहीं दफ़्तर से कुछ पता चला नहीं  पुलिस को कुछ भी मिला नहीं  हे प्रभु ! हे देवी ! कैसे पता चले कहाँ है पवन? न अख़बार न इंटरनेट ढूँढ सकी  न पुलिस न प्रशाशन ढूँढ रही  पत्नी बच्चे माता पिता बहन परेशान  दोस्त यार मित्र परिजन हैं हैरान  कोई तो बताओ? कोई तो सुझाओ? कहाँ ढूँढे? कैसे ढूँढे हम पवन? हे प्रभु ! हे देवी ! राह दिखाओ कहाँ है पवन? थक गए हैं पर हारे नहीं है  घबराये हुए हैं पर कमज़ोर नहीं  व्याकुल हैं पर मायूस बिल्कुल नहीं  डटे रहेंगे जब तक पता चले नहीं  कोई तो बताएगा कोई तो मिलवाएगा  जहाँ भी हो ढूँढ ही लेंगे तुम्हे पवन  हे प्रभु ! हे देवी ! ले चलो जहाँ भी है पवन? #search4pawan आशुतोष झुड़ेले Ashutosh Jhureley @OReKabira -- o Re Kabira 099 o--

चलो पवन को ढूँढ़ते हैं - Re Kabira 097

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-- o Re Kabira 097 o-- #search4pawan चलो पवन को ढूँढ़ते हैं, चलो अपने दोस्त का पता लगाते हैं,  कल तो वो यहीं था,  चार दिन पहले ही तो बात हुई, थोड़ा समय हुआ मुलाकात हुई, आज ऎसी क्या बात हो गई? अचानक पता चला, अख़बारों में भी ख़बर छपी, फ़ोन बजे सन्देश पढ़े, लतापा है गुमशुदा है, यहाँ देखो वहाँ पूछो, किसी को तो इसका पता हो? सब हैरान, सब परेशान, ऐसे कैसे बिना बताये चला गया वो, कभी गलत कदम नहीं उठा सकता जो, जहाँ मिले थोड़ा सुकून वहीँ, है यकीन कि है वो यहीं कहीं, किसी को कोई शक संदेह तो नहीं? अफ़वाहें उड़ी अटकलें लगी, अनुमान लगे धारणाएँ बनी, ख्याल बुने विचार घड़े, कुछ सच्ची अधिक्तर झूठी बातें पता चलीं, कुछ वाद हुए अधिक्तर विवाद बने, कुछ आगे बड़े अधिक्तर अभी भी क्यों पीछे खड़े? लड़ रहा है वो अपने हिस्से की लड़ाई, कभी छुपाई कभी मुस्कुराते हुए बताई, अन्वेषण अन्वीक्षण विवेचन आलोचन जाँच-पड़ताल, ये सब तो हो रहा है और होता रहेगा, जो हमारे वश में है चलो वो करते हैं य फिर हाथ पर हाथ धरे बैठे रह सकते हैं? बोले ओ रे कबीरा, वो तो अभी गुमशुदा है, तुम  सब   अब तक  थे...