Re Kabira 019 - सोचता हूँ की बस सोचता ही न रह जाऊ? (Just Do It)


--o Re Kabira 019 o--

सोचता हूँ की बस सोचता ही न रह जाऊ?

सोचता हूँ क्या क्या करना हैं मुझको,
सोचता हूँ क्या करूँ सबसे पहले,
सोचता हूँ कब शुरुआत करूँ ?

सोचता हूँ कब कर पाऊँगा सब कुछ ,
सोचता हूँ क्या होगा न कर पाया ये सब,
सोचता हूँ क्या समय नहीं है मेरे साथ ?

सोचता हूँ कितने पैसे हैं मेरे पास,
सोचता हूँ इतने पैसे काफी होंगे या नहीं,
सोचता हूँ उतने पैसे कहाँ से लाऊंगा ?

सोचता हूँ क्या कहेंगे दोस्त अगर चल पड़ा,
सोचता हूँ क्या सोचेंगे घर पर यदि न कर सका,
सोचता हूँ बच्चे क्या बोलेंगे कुछ सालों के बाद?

सोचता हूँ क्या होगा घर-बार का,
सोचता हूँ क्या होगा धर-परिवार का,
सोचता हूँ क्या होंगे मेरा इन सब के बाद?

सोचता हूँ क्या करूँ क्या नहीं,
सोचता हूँ सोचा करूँ या नहीं,
सोचता हूँ की बस सोचता ही न रह जाऊ?

बस कर सोचना और सपने देखना,
बस उठा कदम और निकल जा,
बस रुकना मत चलते ही जा ||

आशुतोष झुड़ेले  



#DontThink #JustDoIt #ItsYourTime #DoIt #GoOn #HereYouGo


--o Re Kabira 019 o--

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