Re Kabira 0034 - Fire (हवन कुण्ड)
--o Re Kabira 0034 o--
बैठा साधु हवन कुण्ड आगे, तापे आँच हो के मदहोष ।
बोले कबीरा न जले है लाकड़, भस्मे है मन का दोष ।।
--o आशुतोष झुड़ेले o--
बोले कबीरा न जले है लाकड़, भस्मे है मन का दोष ।।
--o आशुतोष झुड़ेले o--
saint doesn't just like to sit in front of fire, it's the power that purifies soul...
--o Re Kabira 0034 o--