Re Kabira 060 - अभी तक कोई सोया नहीं
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अभी तक कोई सोया नहीं
सामने वाले घर में आज भी, अभी तक कोई सोया नहीं
या तो वो गुम है क़िताबों में - अख़बारों में, या फिर खोया हुआ है ख़यालों में
या तो वो हक़ीक़त से है अनजान, या फिर है बहुत परेशान
या तो वो है बिल्कुल अकेला, या फिर जमा हुआ है दोस्तों का मेला
सामने वाले घर में आज भी, अभी तक कोई सोया नहीं
या तो वो है किसी से डरा हुआ, या फिर है हाथ में प्याला भरा हुआ
या तो वो है किसी के इख़्तेयार में, या है किसी के इंतज़ार में
या तो वह है बहुत ही थका हुआ, या चाह कर भी सो न सका
सामने वाले घर में आज भी, अभी तक कोई सोया नहीं
में भी तो अब तक सोया नहीं, नींद का कोई पता नहीं
आशुतोष झुड़ेले
Ashutosh Jhureley
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