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Re Kabira 0038 - भीड़ की आड़ में (Behind the Mob)

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--o Re Kabira 0038 o-- भीड़ की आड़ में ... भीड़ की आड़ में  भीड़ की आड़ में .. कभी मजहब कभी जात , कभी अल्लाह कभी राम के नाम पर। भीड़ की आड़ में .. कभी रंग कभी बोल, कभी सफेद कभी काले के नाम पर। भीड़ की आड़ में  .. कभी भक्ति कभी शक्ति, कभी जानवर कभी पत्थर के नाम पर। भीड़ की आड़ में  .. पहले 1947 फिर 84 89 92 01.. अब हर रोज किसी न किसी के नाम पर।   छुपा रहा है मानुष अपने पाप को, भीड़ की आड़ में हो के मदहोश। रे कबीरा कब समझे आप को, किसी न नहीं खुद का है दोस।। आशुतोष झुड़ेले --o Re Kabira 0038 o--  #stopmoblynching

Re Kabira 012 - Relationships

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--o Re Kabira 01 2 o-- रिश्ते  सब को चाहिये आप से कुछ, आप को चाहिये सब कुछ। कमी नहीं है रिश्तों में, नहीं है कच्ची यारी। । नहीं करिओ किसी से अपेक्षा, न ही करो किसी की उपेक्षा। केवल सोच से कुछ नहीं, कर्म ही है सब कुछ। । गलती किस में देखे हो, ऊँगली उठाने से पहले सोचे हो। एक तेरी दूजी पाथर के ओर, पर तीन टटोले हथेली होर। । आप जो दे चले सब कुछ, मिल जाएगा सत्य सुख। सब को चाहिये आप से कुछ, आप को चाहिये सब कुछ। । ~आशुतोष --o Re Kabira 01 2 o-- #caste #class #religion #region #equality #bias #relationships #expectations #neglect 

Re Kabira 001 - Sādhū bhūkhā bhāva kā

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-- o ReKabira 001 o --  साधू भूखा भाव का, धन का भूखा नाही | धन का भूखा जो फिरे, सो तो साधू नाही || Sādhū bhūkhā bhāva kā, dhana kā bhūkhā nāhī | dhana kā bhūkhā jō phirē, sō tō sādhū nāhī || Sant Kabir Das Translation: Sage has hunger for devotion, not wealth. If one has hunger for wealth, then he / she can't be a sage. My Interpretation: A noble and wise person has drive for excellence and pursues passion for greater cause. And not personal or vested interest. One with personal or vested interest could only be a good business person not a wise one. Pursue excellence, be driven by passion and have an impact greater cause. -- o ReKabira 001 o --