मिलना ज़रूरी है - Re Kabira 092
—o Re Kabira 092 o— मिलना ज़रूरी है कहाँ से चले थे, कहाँ पहुँच गए जिन रास्तों पर साथ चले थे, पता नहीं कब अलग हो गए जो यार कमर से जुड़े थे, ऐसा लगता है बिछड़ गए .... सूरत बदल गई, सीरत बदल गई, आदतें बदल गईं, शौक बदल गए, दस्तूर बदल गए, रिवाज़ बदल गए .... तुम नहीं सुधरोगे.... तुम बिल्कुल नहीं बदले ... सुनना ज़रूरी है, मिलना ज़रूरी है P.E.T. की रैंक, कॉलेज, ब्रांच, हॉस्टल में कमरा, viva, practical, exam, CAT, GATE , GRE , GMAT, कैंपस इंटरव्यू, की दौड़ नौकरी, तर्रक्की, ओहदा, दौलत, शोहरत की होड़ CEO, CTO, COO, CIO, Manager, Partner, Director, Founder, Co-founder, Developer, Engineer, Scientist, Professor, Mentor के पीछे मेरे दोस्त तुम हो, नहीं कोई और Facebook, Insta, LinkedIN दिखाती नकली तसवीरें, है असलियत और बोला था फिर मिलेंगे किसी चौराहे, किसी मोड़ अपनी लड़ाई की कहानी जो रखी है तुमने जोड़ ... बांटना ज़रूरी है, मिलना ज़रूरी है आपने श्रीमति - श्रीमान से छुपा रखे हैं जो राज़, किस्से कहानी बताईं, नहीं बताये असल काण्ड काज कॉलेज का पोर्च, क्लासरूम, कैंटीन के पोहे, हॉस्टल के कमरे, कमरों की खिड़की के किस्